यस बैंक (Yes Bank) ने अपने ग्राहकों को कर्ज अदायगी में छूट देने का ऐलान किया है। बैंक ने मंगलवार को ट्टवीट कर जानकारी दी कि ग्राहक अपने क्रेडिट कार्ड या लोन का भुगतान NEFT और IMPS मोड से कर सकेंगे। मतलब अगर ग्राहक यस बैंक क्रेडिट कार्ड रखते हैं, या फिर किसी अन्य बैंक से लोन ले रखा है, तो उसके भुगतान के लिए इलेक्ट्रॉनिक मोड़ NEFT और IMPS का इस्तेमाल कर भुगतान कर सकेंगे।
50 हजार रुपए निकासी की तय की थी सीमा
बता दें कि संकट के दौर से जूझ रहे यस बैंक से धन निकासी को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने सीमित कर दिया था, जिसके बाद ग्राहक 50 हजार रुपए से ज्यादा रकम नहीं निकास सकते थे। हालांकि बैंक कि तरफ से अब इसमें सशर्त छूट दी है। बता दें कि आरबीआई की तरफ से 30 दिनों के लिए यस बैंक बोर्ड का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था और एसबीआई के पूर्व डीएमडी और सीएफओ प्रशांत कुमार को बैंक का प्रशासक बनाया गया था
यस बैंक के शेयर में तेजी
यस बैंक के शेयरों में बुधवार को जबरदस्त तेजी देखने को मिली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर YES बैंक के शेयर में 35 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इससे निवेशकों को 1,900 करोड़ रुपये से ज्यादा का फायदा हुआ। यस बैंक के शेयरों में लगातार दो दिनों से तेजी जारी है। बेलआउट प्लान की खबर से सोमवार को भी यस बैंक के शेयर में 31 फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी। सोमवार को शेयर 31.17 फीसदी चढ़कर 21.25 रुपए के भाव पर बंद हुआ था। वहीं, बुधवार को यस बैंक के शेयर में 35 फीसदी का उछाल आया और कारोबार के दौरान 28.75 रुपये पर पहुंच गया। दो दिनों में यस बैंक के शेयर में 77.50 फीसदी की तेजी आई है।
यस बैंक का अब तक का घटनाक्रम
- आरबीआई ने 6 मार्च को नकदी की कमी से जूझ रहे यस बैंक से पैसा निकालने की ऊपरी सीमा निर्धारित कर दी है। इसके बाद खाताधारकों को अधिकतम 50 हजार रुपए निकाल सकते थे।
- 2004 में शुरू हुए यस बैंक के पास पिछले साल जून तक 3,71,160 करोड़ रुपए की संपत्तियां थीं। करीब 40 अरब डॉलर (2.85 लाख करोड़ रुपए) की बैलेंस शीट के साथ यह एक अहम बैंक है।
- एसबीआई तत्काल प्रभाव से यस बैंक में 2,450 करोड़ रुपए के निवेश करके 49 प्रतिशत शेयर खरीदने को राजी हुए है। एसबीआई की तरफ यस बैंक के लिए रेस्क्यू प्लान तैयार किया गया है।
- यस बैंक के फाउंडर और पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर राना कपूर को 11 मार्च तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है। उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है।
- नकदी की किल्लत से जूझ रहे यस बैंक को जुलाई-सितंबर तिमाही में 629 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। बैंक एक साल से भी ज्यादा समय से मुश्किलों से जूझ रहा है। आरबीआई ने 2018 में यस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर का बतौर सीईओ कार्यकाल घटा दिया था।