देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 15 आधार अंकों की कटौती की है। ये 10 मार्च से लागू हो गया है। एमसीएलआर के कम होने से होम लोन सस्ता हो सकता है। एसबीआई ने एक साल के एमसीएलआर को 10 बेसिस प्वाइंट घटाकर 7.85% से 7.75% कर दिया है। चालू वित्त वर्ष में बैंक द्वारा एमसीएलआर में यह लगातार 10वीं कटौती है। ऋणदाता ने 10 फरवरी को सभी किरायेदारों के आधार पर एमसीएलआर दरों में 5 आधार अंकों की कटौती की थी।
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ऋणधारकों को तुरंत नहीं होगा फायदा
एमसीएलआर दरें बैंक की अपनी लागत पर आधारित होती है। यदि आपका होम लोन एसबीआई की एमसीएलआर दर से जुड़ा है, तो नई कटौती आपकी ईएमआई को तुरंत नीचे नहीं ला सकती है, क्योंकि एमसीएलआर आधारित ऋण में आमतौर पर एक साल का रीसेट क्लॉज होता है।
नए संशोधन से एसबीआई ने एक महीने की एमसीएलआर में 15 आधार अंकों की कमी करके इसे 7.45% कर दिया गया है। तीन महीने के एमसीएलआर को 7.65% से संशोधित कर 7.50% कर दिया गया है। नए दो साल और तीन साल के एमसीएलआर 10 आधार अंकों की कमी के साथ क्रमशः 7.95% और 8.05% पर आ गए हैं।